Introduction – लोग बीमा तो ले लेते हैं, लेकिन उस बिमा का फायदा नहीं उठा पाते है तो चलिये आज हम इसी विषय में बात करते है
आज
के टाइम पर हर कोई बाइक ले रहा है और आज के टाइम में जरुरी भी है लेकिन ऐसे ऐसे
लोग बाइक ले लेते है जिन्हें ठीक से इंसोरेंस के बारे में जानकारी भी नहीं होती है
आप जब भी बाइक लेते है तो आपको इतने जघह पर साइन करना पड़ता है इसकी भी जानकारी
नहीं होती है लेकिन जब इंसोरेंस की बरी आती है
की
कही आपकी गाड़ी धोखे से ठुक जाती है तो फिर आपको क्लेम भी नहीं मिलता है इसका कारण यह
यह है की आपको यह जानकारी नहीं है की आपको
अक्सिडेंट होने पर गाड़ी की मरम्मत के पैसे कोन देगा और इसी जानकारी को हम आपके
सामने लेकर आये है
बाइक
तो सभी लेलेते है लेकिन जब बातक्लेम करने की आती है बिमा या फिर इंसोरेंस क्लेम तो
लोग झिझकते है और एजेंसी के लोग जो भी बोल देते है वो मान लिया जाता है लेकिन अब
से ऐसा नहीं होगा
सबसे
पहले हम ये जान ले की एजेंसी वाले हमें क्या प्रोटक्शन देते है
अगर
अहम कोई गाड़ी (बाइक या स्कूटी )लेते है तो हमें सिर्फ बिमा ही मिलता है जो सिर्फ
थर्ड पार्टी के फायदे की बात होती है उसमें होता क्या है की जब आपके कोई भीड़ जाता
है तो सामने वाले को बोहोत ज्याडा चोट आ जाती है तो उसे इलाज के लिए या फिर उसके बेनिफिट
के लिए बिमा कराया जाता है आपको
आप
को खुद ही लेना पड़ता है कॉम्प्रिहेन्सिव बीमा तब ही आपको प्रोटेक्शन मिलता है
वैसे अगर आपने अपनी गाड़ी न्यू ली है और फाईनेन्स
कराइ है तो जिस्त्ने साल तक की किस्ते
होती है तो हमें लापरवाही नहीं रखना है हमें एक साल का कॉम्प्रिहेन्सिव बीमा करा लेना चाहिए
कितना
चार्जेस लगता है बिमा में और कॉम्प्रिहेन्सिव बीमामें
हर
बिमा गाड़ी पर डिपेंड करता है बाइक की कीमत और बाइक के इंजन कितने CC का है और
लोकेशन के हिसाब से अलग अलग हो सकता है ये सब 19 या फिर 20 का ही फर्क होगा और कुछ
नहीं
1.
Third
Party Insurance Charges (अनिवार्य बीमा)
इंजन कैपेसिटी (CC) |
5
साल का थर्ड पार्टी प्रीमियम (फिक्स रेट – IRDAI द्वारा तय) |
75 CC तक |
₹2,901 (लगभग) |
76 CC – 150 CC |
₹3,851 (लगभग) |
151 CC – 350 CC |
₹7,365 (लगभग) |
350 CC से ऊपर |
₹15,117 (लगभग) |
✅ यह प्रीमियम हर बीमा कंपनी में लगभग एक जैसा होता है क्योंकि इसे सरकार
(IRDAI) तय करती है।
2. Comprehensive Insurance Charges (फुल कवर बीमा)
Comprehensive बीमा में थर्ड पार्टी भी शामिल होता है, और साथ में आपकी
बाइक के
लिए खुद का डैमेज, चोरी, प्राकृतिक
आपदा, आदि भी कवर होता है।
बाइक की कीमत (On-road value) |
सालाना
कॉम्प्रिहेन्सिव बीमा प्रीमियम |
₹50,000 – ₹70,000 |
₹1,500 – ₹2,500/year |
₹70,000 – ₹1 लाख |
₹2,000 – ₹3,500/year |
₹1 लाख – ₹1.5 लाख |
₹3,000 – ₹5,000/year |
₹1.5 लाख से ऊपर |
₹4,500 – ₹7,000/year |
यदि आप ज़ीरो डिप्रिसिएशन,
इंजन प्रोटेक्शन या रोडसाइड असिस्टेंस जैसे ऐड-ऑन लेते हैं, तो बीमा चार्ज थोड़ा और बढ़ सकता है।
एक उदाहरण समझिए
अगर आपने ₹95,000
की 125 CC की बाइक खरीदी है:
- थर्ड पार्टी प्रीमियम (5 साल) = ₹3,851
- कॉम्प्रिहेन्सिव बीमा (1 साल) = ₹2,500 (लगभग)
👉 टोटल बीमा खर्च पहले साल = ₹6,351 (अनुमानित)
Third Party vs Comprehensive Insurance – कौन किसके लिए बेहतर है
स्थिति / ज़रूरतें |
Third
Party Insurance |
Comprehensive
Insurance |
✅ सिर्फ कानूनी ज़रूरत पूरी
करनी है |
✔️ हाँ |
❌ नहीं |
✅ बजट बहुत कम है |
✔️ हाँ |
❌ नहीं |
✅ पुरानी या कम वैल्यू की बाइक
है |
✔️ हाँ |
❌ वैकल्पिक |
✅ नई, महंगी
या ब्रांडेड बाइक है |
❌ नहीं |
✔️ हाँ |
✅ चोरी, आग,
बाढ़ जैसी रिस्क से सुरक्षा चाहिए |
❌ नहीं |
✔️ हाँ |
✅ एक्सीडेंट में खुद की बाइक की
मरम्मत करवाना है |
❌ नहीं |
✔️ हाँ |
✅ ज़ीरो डिप्रिसिएशन या ऐड-ऑन
कवर चाहिए |
❌ नहीं |
✔️ हाँ |
✅ मानसिक शांति और फुल कवरेज
चाहिए |
❌ नहीं |
✔️ हाँ |
बाइक
बीमा होने के बावजूद क्लेम क्यों नहीं मिलता
अगर आपकी गाड़ी अभी न्यू है एक साल
तक और अह्कानक किसी वजह से आपकी गाड़ी में कोई चोट आ जाती है या किसी वजह से नुकशान
हो जाता है तो हमें 24 से 48 घंटे के अन्दर ही गाड़ी कंपनी या फिर यू कह लो की
एजेंसी वालो को बताना जरुरी है अगर गाड़ी कही
पर भिड जाती है तो आपको खुद ही नहीं बनवाना है बल्कि बिमा क्लेम करना है ताकि
आपकी गाड़ी में जो भी नुकशान होता है वह आप की गाड़ी को फिर से एक दम न्यू करवा कर
देंगे
अगर आपने गाड़ी का इंशोरेंस कराया है तो आप सोचे की में जल्दी से गाड़ी बनवा लू तो ये याद रखना आपको अपनी गाड़ी का एजेंसी में सर्वे करना होता है और तब जाकर आपको आपकी गाड़ी बन कर दी जाती है
- क्या गलती नहीं होनी चाहिए हमसे की गाड़ी का निक्शन हमें न झेलना पड़े
- अगर आपकी गाड़ी का बिमा एक्सपायर हो चूका है तो गाड़ी का जल्द से जल्द बिमा कराये फिर गाड़ी को चलाये
- ड्रायविंग के समय शराब पि कर गाड़ी चालना या नशे की हालत में गाड़ी चालना
- बिमा क्लेम से पहले गाड़ी को बहार बनवाना
- थर्ड पार्टी बिमा लेकर अपनी बाइक को फुल सुरक्षा मैन लेना
- गलत जानकारी देना गलत लोकेशन छुपाना झूठ बोलना
- पहले बिमा कंपनी को सुचना दे फिर सर्वे के बाद ही मरम्मत कराये
अगर आपने ये सब कर लिया तो फिर आपकी गाड़ी एकदम सेफ रहेगी और अगर नुकशान भी हुआ तो वह आपकी बिमा पोलोसी आपकी गाड़ी की रक्षा करेगी वैसे ओई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी को जन भुझ कर नहीं ठोकता है और न ही गिराता है लेकिन गलती है किसी से भी हो सकती है अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है